CHAND KI BEETI OR NEEL PARI
THE FAIRY STORIES IS IMAGINARY
FAIRY STORIES
10/20/2025
कहानी 1. चांद की बेटी और नील परी
नीले आसमान के उस पार जहाँ बादल मोती जैसे झूलते हैं वहाँ परी लोक बसा हुआ था उजाले, संगीत और जादू का संसार। उस लोक की सबसे सुंदर परी थी नील, जिसकी आँखों में समुद्र-सी गहराई और बालों में चाँदनी की चमक थी नील का जन्म एक अनोखी घड़ी में हुआ था जब पृथ्वी और चाँद के बीच पहली बार बादलों का पुल बना था इसलिए उसे “चांद की बेटी” कहा जाता था नील के दिल में हमेशा एक सपना था धरती को देखने का बाकी परियाँ उसे समझातीं कि धरती दुःखों और अंधेरों की जगह है, जहाँ इंसान अपनी
इच्छाओं के जाल में फँसे रहते हैं। लेकिन नील कहती “अगर अंधेरा है, तो कोई दिया भी तो जलाएगा” उसकी यह बात सुनकर बाकी परियाँ मुस्कुरा देतीं, मगर उसकी आँखों में सच्चाई का उजाला झिलमिलाता रहता एक दिन स्वर्गीय महोत्सव में, जहाँ सभी परियाँ अपने जादू का प्रदर्शन कर रही थीं नील ने अपनी शक्ति का प्रयोग कर धरती की एक झलक दिखाई उसने वहाँ के बच्चों को देखा कुछ भूखे, कुछ रोते और कुछ अपने छोटे से दीपक से रात को जगमग करते हुए यह दृश्य उसके दिल में उतर गया उसी
रात उसने तय किया कि वह धरती पर जाएगी जब उसने जादुई द्वार से गुजरना चाहा तो परी रक्षक आरोहा ने रोका “धरती पर जाने की इजाज़त नहीं, नील तुम्हारे पंख जल सकते हैं वहाँ की हवा में नील मुस्कुराई “अगर मेरा उड़ना किसी के चेहरे पर मुस्कान ला सके तो पंखों का जलना भी सार्थक होगा” वह हवा में घुली चाँदनी बनकर धरती पर उतरी यह उत्तर भारत की किसी बस्ती की ठंडी रात थी एक छोटा सा बच्चा आरव, फुटपाथ पर काँप रहा था उसके पास फटा हुआ कम्बल था और उसकी हथेलियों में अधबुझे दीपक की लौ बुझने को थी नील ने पास जाकर धीरे से अपनी हथेली बढ़ाई। उसी क्षण दीपक की लौ तेज़ हो गई और आरव ने आश्चर्य से ऊपर देखा
“दीदीक्या आप परी हो” उसने मासूमियत से पूछा
नील ने मुस्कुराकर कहा, “अगर तुम्हें यकीन है, तो हाँ”
वह उसे अपने आंचल से ढककर धीरे-धीरे लोरी गाने लगी उसके स्वर से जैसे पूरी बस्ती में एक शांत रोशनी फैल गई। लंबे समय बाद आरव को नींद आई सुरक्षित, मुस्कुराता हुआ लेकिन हर जादू की एक कीमत होती है। जैसे-जैसे रात बीत रही थी नील के पंख झिलमिलाकर राख बनने लगे उसे महसूस हुआ कि धरती की हवा सचमुच उसके लिए भारी है फिर भी उसके होंठों पर मुस्कान थी। उसने आसमान की ओर देखा चाँद वहाँ था, उसकी माँ की तरह, उसे देखते हुए
“माँ, मैंने अंधेरे में भी एक दिया जला दिया है,” उसने फुसफुसाया
सुबह जब सूरज उगा, आरव की आँखें खुलीं नील वहाँ नहीं थी, लेकिन उसके बगल में एक चमकदार पंख पड़ा था नीले रंग का जैसे आसमान का टुकड़ा आरव ने उसे अपने स्कूल बैग में रख लिया और हर दिन उसे देखकर पढ़ाई करने का वादा किया समय बीता, और वही बच्चा बड़ा होकर एक वैज्ञानिक बना जिसने ग्रामीण बच्चों के लिए मुफ़्त सोलर लाइटें बनाई लोग कहते हैं, रात को उसके कमरे की खिड़की पर अब भी हल्की नीली रोशनी चमकती है शायद चांद की बेटी फिर से मुस्कुराती हो, अपने सपने को जीवित देखते हुए परी लोक की रानी ने जब यह कहानी सुनी, तो उसने नियम बदल दिए अब जो परी अपने दिल की सच्ची दुआ के लिए धरती पर उतरना चाहे, उसे उतरने दिया जाता है और हर बार जब कोई बच्चा अचानक रात में किसी हल्की नीली रौशनी को अपने पास महसूस करता है, तो लोग कहते हैं वह नील परी थी चाँद की बेटी जो अंधेरे में उजाला बोने आई थी
कहानी का दूसरा भाग - नील की विरासत की तलाश
इस भाग में कहानी आगे बढ़ेगी जहाँ आरव अब बड़ा हो चुका है और नील परी के रहस्य को समझने की यात्रा शुरू करता है,
बरसों बीत चुके थे आरव अब देश का प्रसिद्ध वैज्ञानिक बन चुका था जिसने सैकड़ों गाँवों में सोलर लाइटें लगाई थीं लेकिन उसके दिल के किसी कोने में अब भी एक अधूरी चमक थी वह नीला पंख, जो उसे बचपन में मिला था वह उसे हमेशा अपने पास रखता था एक रात जब वह अपने प्रयोगशाला में अकेला काम कर रहा था, अचानक वह पंख खुद-ब-खुद चमकने लगा नीली रोशनी दीवारों पर फैल गई और हवा में एक हल्की सी आवाज़ गूँज उठी “आरव समय आ गया है”
आरव चौंका, पर उसके दिल में डर नहीं था। आवाज़ में वही सुकून था जो उसे बचपन में उस अनजान दीदी के स्पर्श से महसूस हुआ था अगले ही दिन उसने काम से छुट्टी ली और निकल पड़ा हिमालय की ओर पुराने मंदिरों के बीच से गुजरते हुए, वह एक झील के पास पहुंचा, जहाँ पानी में चाँद की परछाईं उस नीली रोशनी जैसी झिलमिला रही थी झील के चारों तरफ प्राचीन पत्थरों पर अज्ञात लिपियाँ खुदी थीं उनमें एक शब्द साफ़ नज़र आता था नील ,आरव ने पंख को झील के ऊपर उठाया अचानक पानी में हलचल हुई, और उसमें से एक नीली किरण उठी
जिसने आसमान को चीर दिया आरव उस रोशनी में डूब गया और कुछ देर तक उसकी आँखें बंद हो गईं जब उसने फिर उन्हें खोला, तो वह परी लोक में खड़ा था चारों ओर रौशनी थी, मगर यह रौशनी आग जैसी नहीं, बल्कि भावनाओं जैसी थी मुलायम, गर्म और शांत सामने नील खड़ी थी, वही मुस्कान, वही नीली आँखें, बस अब वह और भी दीप्त लग रही थी तुम्हारा स्वागत है, आरव नील ने कहा, तुमने मेरे अधूरे सपने को पूरा किया। तुमने अंधेरे में उजाला बाँटा, इसलिए अब यह रोशनी तुम्हारी भी है
आरव की आँखों से आँसू झरने लगे “आप सच में थीं… मैंने सोचा था, यह बस सपना था”
नील मुस्कुराई, “हर सपना अगर सच्चे विश्वास से जिया जाए, तो हकीकत बन जाता है”
तभी परी लोक की रानी सामने आईं उन्होंने नील और आरव दोनों की ओर देखा और कहा, “धरती और परी लोक के बीच जो पुल था, वह अब तुम्हारी आस्था से फिर से जुड़ गया है, आरव। अब से यह द्वार खुला रहेगा उन सब के लिए जो बिना स्वार्थ के किसी और के जीवन में रोशनी बाँटना चाहें नील ने आरव की हथेली पर हाथ रखा। उसके हाथ से एक नई रौशनी निकली एक छोटा सा क्रिस्टल, जिसमें हल्की नीली लौ जल रही थी यह विरासत की ज्योति है,” नील ने कहा इसे जहाँ रखोगे,
वहाँ कभी अंधेरा टिक नहीं पाएगा अचानक झील की लहरें तेज़ हुईं, और सब कुछ नीले प्रकाश में विलीन हो गयाजब आरव ने फिर आँखें खोलीं तो वह अपनी प्रयोगशाला में था लेकिन इस बार उसकी मेज़ पर वह क्रिस्टल रखा था, जो हल्के से चमक रहा था उसी दिन से उसने अपना संस्थान खोला नील ट्रस्ट, जहाँ बच्चों को मुफ्त शिक्षा, रोशनी और सपनों का हौसला दिया जाता था रात को जब भी कोई बच्चा उस संस्था के बाहर नीली रोशनी देखता, तो सब कहते नील परी फिर आई है, आरव के सपने को आशीर्वाद देने और आसमान के उस पार, चाँद के भीतर, किसी मुस्कान की हल्की चमक फिर दिखाई देती थी
कहानी का तीसरा भाग - नील युग की शुरुआत
अब तीसरे और अंतिम भाग में कहानी एक व्यापक रूप लेगी जहाँ आरव और नील ट्रस्ट मानवता और परी लोक दोनों के बीच एक नई रोशनी का युग शुरू करते हैं वर्षों बीत गए आरव अब एक नाम नहीं, एक प्रतीक बन चुका था नील ट्रस्ट के संस्थापक के रूप में उसका संस्थान पूरे भारत में हज़ारों गाँवों और शहरों तक फैल चुका था लेकिन जो बात किसी को नहीं पता थी, वह यह कि हर केंद्र में रात के समय एक हल्की नीली रोशनी जलती थी, जो कभी बुझती नहीं थीकहा जाता है, वह रोशनी उसी विरासत की ज्योति से जुड़ी थी, जो नील परी ने आरव को दी थी पर अब आरव की दृष्टि सिर्फ धरती तक सीमित नहीं थी वह चाहता था कि रोशनी पूरी दुनिया में फैले, शायद वहाँ तक भी, जहाँ कल्पना की सीमाएँ खत्म हो जाती हैं एक दिन उसने
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाषण दिया अगर हम विज्ञान और करुणा को एक साथ जोड़ दें तो हम सिर्फ बिजली नहीं, आत्माओं को भी रोशन कर सकते हैं सब लोग तालियाँ बजाने लगे, पर उसी रात जब आरव अकेला था नीली रोशनी फिर उसके सामने प्रकट हुई नील परी मुस्कुरा रही थी, पर इस बार उसके चारों ओर अनेकों परियाँ थीं हर रंग की, हर भाव की आरव, अब समय आ गया है कि तुम धरती के सीमान्त से भी आगे बढ़ो नील ने कहा अब रोशनी को दुनिया से विश्व में, और विश्व से ब्रह्मांड तक ले चल आरव ने किताबों की तरह कुछ नहीं पूछा, बस प्रणाम किया उसने उस क्रिस्टल ज्योति को एक उपग्रह में स्थापित किया जो सौर ऊर्जा से चलता था। उसका नाम रखा गया नील लाइट मिशन’ जब वह उपग्रह अंतरिक्ष में पहुँचा, तो उसने एक अजीब ऊर्जा विकिरण छोड़ा नीले रंग का प्रकाश जो पृथ्वी के चारों ओर हल्के आवरण की तरह फैल गया शुरुआत में वैज्ञानिकों ने इसे अरोरा इफ़ेक्ट कहा, लेकिन कुछ महीनों बाद पूरी दुनिया में एक अद्भुत परिवर्तन दिखने लगा
युद्धग्रस्त देशों में युद्ध विराम, सूखे इलाकों में अप्रत्याशित वर्षा, और बच्चों में अजीब सी आत्मविश्वास की चमक आरव समझ गया यह वही नील की शक्ति थी जो अब मानव हृदयों में उतर रही थी धीरे-धीरे नील ट्रस्ट सीमाओं से आगे बढ़कर नील मिशन फाउंडेशन बना धरती का हर कोना इस ऊर्जा के जाल से जुड़ गया अब हर इंसान जब किसी और की मदद करता, तो एक हल्की नीली चमक उसकी आँखों में झिलमिला जाती यह संकेत था कि नील परी का आशीर्वाद उसके साथ है सालों बाद, जब आरव बहुत वृद्ध हो चुका था, उसे आखिरी बार वही आवाज़ सुनाई दी अब तुम्हारा काम पूरा हुआ, आरव उस रात वह नींद में मुस्कुराते हुए चला गया और लोग कहते हैं
उसके शरीर से निकलती हुई हल्की नीली लौ आसमान में मिल गई फिर चाँद की सतह पर अचानक एक रेखा दिखाई दी नीले रंग की दूर से देखने पर वह एक मुस्कराते चेहरे जैसी लगती थी वैज्ञानिकों ने कभी उसका कारण नहीं बताया पर बच्चों ने उसे एक नया नाम दिया “नील युग की मुस्कान” अब जब भी कोई बच्चा किसी अजनबी की मदद करता है तो आसमान में नीली चमक टिमटिमाती है। ऐसा लगता है जैसे नील परी, चाँद की बेटी, अब पूरे ब्रह्मांड की माँ बन चुकी है और आरव उसका सबसे प्रिय पुत्र, जिसने रोशनी को अमर कर दिया.
प्रस्तावना
इस संसार में जहाँ कल्पना और वास्तविकता के बीच की सीमाएं धुंधली होती हैं, वहाँ छिपी होती हैं अनगिनत कहानियाँ—जादू, आशा, और मानव हृदय की अटूट ताकत की "नील परी" त्रयी एक ऐसी ही कहानी है जिसमें परी लोक की अनमोल बेटी नील, और धरती के एक होनहार बच्चे आरव की यात्रा को दर्शाया गया है यह कहानी बताती है कि कैसे सच्चा विश्वास और आत्मीयता अंधकार को चीरकर उजाले की नई किरण बन सकती है आप इस पुस्तक में उस रोशनी की तलाश में निकलेंगे, जो न केवल एक परी की विरासत है, बल्कि हर उस इंसान की है जो खुद में उजाला रखता है
उपसंहार
"नील परी" त्रयी का आखिरी प्रकाश आपको यह सिखाता है कि असली जादू उस छोटे से देने की भावना में होता है, जो दुनिया को बदल सकता है आरव और नील की कहानी न केवल एक परी की बल्कि हर उस व्यक्ति की कहानी है, जो अपने सपनों को सच करने का संकल्प रखता है यह पुस्तक आपको उस नीली रोशनी की ओर लेकर जाती है, जो हर अंधेरे को मात देती है और हमें याद दिलाती है कि इंसानियत की असली ताकत प्यार और विश्वास में है अब यह आपकी बारी है, इस रोशनी को अपने जीवन में उतारने की और एक नए युग की शुरुआत करने की
यह प्रस्तावना और उपसंहार न केवल कहानी की भावना को प्रकट करते हैं, बल्कि पाठकों को एक भावनात्मक जुड़ाव और प्रेरणा भी देते हैं इन्हें आपकी पुस्तक के प्रारूप में रखकर आप एक प्रभावशाली शुरुआत और समाप्ति दे सकते हैं.
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